Saturday, October 29, 2016

ज़ोरदार ना झुके हैं मोदी ना झुकेंगे एक साथ ख़रीदेंगे 200 विमान नहीं बचेगा कायर पाकिस्तान



केंद्र की मोदी सरकार किसी भी हालत में आतंकवादियों के सामने झुकने वाली नहीं है। सरकार ने एक साथ 200 फाइटर जेट खरीदने का फैसला किया है लेकिन सरकार की सबसे बड़ी शर्त है कि वह Made In India  हो। मोदी ने एक पंथ दो काज किए हैं । ख़रीद के बहाने विमानों की फ़ैक्टरी भी लगेगी और भारतियों को उसमें रोज़गार मिलेगा ।
हालाँकि भारत ने विदेशी निर्माताओं से कहा है कि हम एक साथ बड़ी संख्या में ऑर्डर दे देंगे लेकिन ये सभी जेट विमान भारत में किसी स्थानीय पार्टनर के साथ मिलकर बनाए जाएं। बड़ी बात ये है कि भारत में बनाए जाने वाले 200  इंजिन प्लेन की इस डील में संख्या बढ़कर 300 तक भी पहुंच सकती है क्योंकि वायुसेना पुराने एयरक्राफ्ट को बाहर कर रही है । यह डील देश की सबसे बड़ी मिलेट्री एयरक्राफ्ट डील होगी ।
पिछले महीने फ्रांस के साथ राफेल विमानों को खरीदे जाने की एक डील हुई थी जिसमें 36 जेट खरीदने की ही बात थी। परंतु इसके बाद वायुसेना चाहती है कि वह जल्द से जल्द अन्य अधिग्रहण को अंजाम दे ताकि देश की सामरिक क्षमता में इज़ाफा हो सके जो फिलहाल चीन से अभी भी एक तिहाई कम है। हालांकि  मोदी जी  चाहते हैं कि भविष्य में किसी भी तरह के सैनिक विमान भारत में बनाया जाए ताकि हमारे घरेलू एयरक्राफ्ट उद्योग को आगे बढ़ाया जा सके और मंहगे आयात से सदा के लिए निजात मिल सके।ये दूरदर्शी सोच आज तक किसी भी PM ने नहीं अपनायी थी ।
लॉकहीड मार्टिन नामक कोंपनी का कहना है कि वह F-16 विमान के लिए भारत में निर्माण शुरू करना चाहती है और यह काम वह सिर्फ भारतीय सेना के लिए नहीं बल्कि निर्यात के लिए भी करना चाहते हैं यानी यहाँ से विमान दूसरे देशों को भेजे जाएँगे । वहीं स्वीडन की कम्पनी साब ने अपने ग्राइपेन एयरक्राफ्ट के लिए प्रोडक्शन लाइन भारत में स्थापित करने का प्रस्ताव दिया है जो अभी तक की सबसे बड़ी मिलेट्री प्लेन डील  को भी टक्कर दे सकती है।

मेक इन इंडिया की इस योजना के तहत इस पर काम करने वाले एयर फोर्स अफसर ने कहा, फिलहाल हमारे पास 200 एयरक्राफ्ट की कमी है। कम से कम इतने की जरूरत तो है ही । मोदी जी के दिमाग़ की दाद देनी होगी उन्होंने इस तरह से प्रस्ताव रखे हैं कि हर देश भारत में अपनी यूनिट लगाएगा इससे हमें तकनीकी फ़ायदा भी होगा । निर्यात भी बढ़ेगा । विदेशी निवेश भी आएगा । रोज़गार भी मिलेगा और बड़े उद्योग को सामान सप्लायी करने वाले छोटे बड़े भारतीय कारख़ानों को भी ख़ूब रोज़गार मिलेगा । अद्भुत ।

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