संयुक्त राष्ट्र (UN) में पाकिस्तान की परमानेंट representative, एम्बेसडर तहमीना जंजुआ ने UN में अब ऐसी बात कही है जिससे पाकिस्तानी हुकूमत और पाकिस्तानी आर्मी की धमकियों की पोल खुल गई है. जहाँ एक ओर, वर्ष 1971 में हार का मुहं देख चुके जनरल (जो उस वक्त कैप्टेन, लेफ्टिनेंट इत्यादि थे), बार बार अपने से कई गुना शक्तिशाली देश भारत पर आक्रमण करने की बात करते हैं.. जहाँ पाकिस्तान के रक्षा विशेषज्ञ, सेकंड स्ट्राइक को समझे बिना, परमाणु बम की धमकी देते हैं.. वहीँ पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र में जाकर कम से कम सच कह रहा है.
पाकिस्तानी एम्बेसडर ने कहा: दक्षिणी एशिया एक संवेदनशील इलाका है और यहाँ एक देश (भारत) अपनी मिलिट्री ताकत को और सभी से अधिक करने के लिए, बेइंतहा खर्चा कर रहा है.
तहमीना जंजुआ ये भी कहा कि पाकिस्तान भारत से न युद्ध चाहता है और न ही वह ऐसे युद्ध को afford करने की हालत में हैं.
आलम यह है की पाकिस्तान ने भारत के साथ हथियारों की दौड़ में शामिल होने से भी इनकार किया है. जबकि सच्चाई यह है की पाकिस्तान के पास कुछ भी खरीदने के लिए पैसे ही नहीं है.
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